पुण्य प्रसून बाजपेई ने द वायर हिंदी पर लिखे अपने लेख में इस बात की पुष्टि कर दी है कि एबीपी के मालिक ने उन्हें साफ तौर पर कहा कि वो अपने कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम नहीं ले सकते। क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री को सवालों से खतरा है? और वो भी इतना कि एक पत्रकार की नौकरी ले लें?
मानो एक अवतार हुआ है जिस पर आप सवाल नहीं उठा सकते। सवाल करेंगे तो नौकरी से निकाल दिए जाएंगे। बाजपेई ने आगे लिखा कि मोदी जी की 200 लोगों की टीम है जो यह तय करती है कि हर चैनल पर सिर्फ मोदी जी के पक्ष में खबरें चलाई जाएंगी।
टीवी देखने के पैसे आप देते हैं लेकिन, आप क्या देखेंगे ये मोदी जी तय कर रहे हैं। अब ये तय आपको करना है कि आप कब तक अपने पैसे लगाकर सत्ता द्वारा चलाया जा रहा प्रोपेगैंडा देखना चाहते हैं।
पुण्य प्रसून बाजपेई द्वारा इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सभी पत्रकारों को सीधा संदेश है कि पेट की चिंता करो, देश की नहीं। देश की चिंता करोगे तो नौकरी से निकाल दिए जाओगे।
बाजपेई का लिखा ये लेख पढ़कर अगर आपका खून नहीं खौलता है तो शायद गोदी मीडिया पर चल रहे प्रोपेगैंडा ने आपके खून को पानी बना दिया है। एक सिस्टेमैटिक तरीके से आपको बुनियादी सवालों से दूर रखा जा रहा है। चैनलों पर दिन भर चल रही हिन्दू-मुस्लिम की डिबेट ने आपकी लोकतांत्रिक सोच को मार दिया है।
आज रात सभी चैनलों पर चल रही डिबेट देखिएगा। बताइएगा कि कितने पत्रकारों में इतनी हिम्मत है कि सीधा नाम लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल करे। देखिएगा कि क्या किसी चैनल पर लोकतंत्र की मौत का मातम मनाया जा रहा है? क्या किसी चैनल पर सीधा नाम लेकर लोकतंत्र के हत्यारे से सवाल किया जा रहा है? अगर नहीं, तो न्यूज़ चैनलों को देखना बंद कर दीजिए।
अगर आपको इस देश की और लोकतंत्र की थोड़ी सी भी चिंता है तो आवाज़ उठाइए। सत्ता के गलियारों तक ये संदेश पहुंचना चाहिए कि लोकतंत्र के बहे खून के हर एक कतरे का हिसाब लिया जाएगा।
जो सरकार के समर्थक हैं मेरा उनसे भी कहना है कि खामोश मत रहिए। कल को आपके बच्चे सड़कों पर नौकरी के लिए धक्के खाएंगे तो चैनलों पर चल रही मोदी चालीसा और हिन्दू-मुस्लिम डिबेट आपके बच्चों को नौकरी नहीं देगी। अगर आज आप दूसरों के सवाल दबाए जाने पर खामोश रहेंगे तो कल आपके सवाल भी कोई नहीं उठाएगा।
हर रात आपके टेलीविजन से निकलने वाली रोशनी आपको झूठ के उजाले सौंप कर सच के अंधेरे से आपको दूर रखना चाहती है। खैर ये स्वाभाविक भी है। जब दवात सत्ता की, कलम सत्ता की, तो स्याही सच उगलेगी ऐसी उम्मीद बेवकूफी ही है।
खैर, 15 अगस्त आने वाला है। तैयार हो जाइए “फ्री प्रेस और फ्री स्पीच” के हत्यारे का लाल किले की प्राचीर से आज़ादी पर भाषण सुनने के लिए। तैयार हो जाइए तिरंगे में अपनी डीपी बदलने के लिए। तैयार हो जाइए सड़कों पर निकल कर भारत माता की जय के नारे लगाने के लिए। अघोषित आपातकाल मुबारक हो आपको।
The post “मानो नरेंद्र मोदी कोई अवतार हों जिसपर आप सवाल नहीं उठा सकते” appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.