कई दिनों से एक सवाल मेरे मन में घूम रहा है। ये सवाल यहाँ के राजनेताओं को लेकर है, इन्हें राजनेता कह कर इज्जत देना मुझे तो बिलकुल पसंद नही है। लेकिन अब क्या करें, ज़माना ही ऐसा है। भले राजा-महाराजाओं का राजपाट चला गया हो, ज़मींदारी और दीवानी सालों पहले ख़त्म कर दी गयी हो, भले ही बहादुर शाह ज़फर किताब के पन्नों में आखिरी बादशाह के नाम से समाधी ले कर अपनी सल्तनत छोड़ चुके हों। लेकिन असल में वो आज भी किसी न किसी और रूप में हम पर राज कर ही रहे हैं। ये कभी एम.एल.ए., कभी एम.पी., तो कभी मंत्री बन कर हमें अपनी प्रजा समझ कर अपनी जूती के नीचे रखते हैं।
ऐसे हम इन्हें नेता कहें, राजनेता कहें, इन्हें कोई फर्क तो पड़ने वाला नही है। क्यूंकि सच्चाई यही है कि कितना भी हम अपने को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र वाला ढोल पूरे संसार में पीट लें, असल में ये है राजतन्त्र ही। एक अलग तरह का राजतन्त्र, जिसे राजनेतातंत्र कह सकते हैं। खैर छोड़िये। जो सवाल मेरे दिमाग में घूम रहा था, वो कुछ और था। लेकिन मै भावनाओं में बह कर ऑफ ट्रैक हो गया। माफ़ करिए, लेकिन ये राजनीति की बात आते ही दिमाग सेंटर में नही रहता।
तो बात ऐसी थी कि पिछले कुछ सालों से ऐसे-ऐसे नेताओं को देखने और सुनने का मौका मिला है कि अगर अपनी आँखों और कान से ना देखा या सुना होता तो शायद यकीन नही होता। यकीन नही होता कि ये ही हैं इस देश को चलाने वाले शूरवीर। इन नेताओं के ऐसे बेवकूफी भरे बयान सुनने को मिल रहे हैं कि कभी-कभी सोचना पड़ता है कि आखिर ऐसे लोग जब देश चला रहे हैं, तो अब तक देश खड्डे में गिर के मर-मुरा कैसे नही गया। कैसे अभी भी हमारा देश आगे बढ़ रहा है। कैसे दुनिया में हमारी एक पहचान, एक अच्छी पहचान बन रही है।
मेरे दिल में उठा सवाल बिलकुल सीधा है। ये जो राजनेता हैं ये बेवकूफ होते हैं इसलिए नेता बन जाते हैं, या नेता बन जाने के बाद बेवकूफ हो जाते हैं। पहले आपको कुछ नेताओं के बयान पढाता हूँ उसके बाद आप कुछ फैसला कीजियेगा।
बलात्कार से बचाने के लिए लड़कियों की जल्दी शादी कर देनी चाहिए।
–पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा
फ़ास्ट फ़ूड जैसे चौमिन खाने से बलात्कार करने की प्रवृत्ति बढती है।
–खाप के बहुत बड़े लीडर
चीजों की कीमत बढ़ने से मै बहुत खुश हूँ. इससे किसानों का भला होगा।
–पूर्व मंत्री
हमें कंप्यूटर और अंग्रेजी का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
–पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
रेप की शिकायत करोगी, तो दुनिया को शकल कैसे दिखोगी?
–सपा के जाने-माने नेता
रेप तो चलते ही रहते हैं। (ये वाला लेटेस्ट है, अभी गूगल कीजिये, दिख जायेगा)
–कांग्रेस की सीनियर नेत्री
इनके बयान सुन लेंगे तो कपिल का शो कुछ देर के लिए भूल जाएंगे, इतनी हँसी आंएगी। हँसना अच्छा है, लेकिन जब अपने नेता और अपने देश को मिले ऐसे कर्णधार पर हँसने की बात आ जाये तो समझिये कि इससे बड़ा रोना कुछ भी नही है। ये तो मैंने बस कुछ नमूनों के कुछ नमूने दिए हैं। ये लिस्ट काफी लम्बी है। एक पूरा महाकाव्य लिखा जा सकता है इस पर, लेकिन वो फिर कभी। अभी तो बस इसी सवाल के जवाब की तलाश में हूँ, कि ये जो राजनेता हैं ये बेवकूफ होते हैं इसलिए नेता बन जाते हैं, या नेता बन जाने के बाद बेवकूफ हो जाते हैं।
Photo credit: www.teluguone.com
The post क्यूँ मुझे हमारे नेताओं पर कपिल शर्मा से भी ज्यादा हँसी आती है appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.