लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र बाल श्रम विरोधी अभियान से जुड़े बच्चों एवं संस्थाओं द्वारा बाल घोषणापत्र तैयार किया गया है। यह बाल घोषणापत्र सभी राजनीतिक दलों एवं मतदाताओं तक ले जाया जा रहा है। इसी श्रृंखला में मध्यप्रदेश के अनूपपुर ज़िले के पुष्पराजगढ़ में ज़िला स्तरीय बाल संवाद का आयोजन किया गया।
इसके पूर्व नए मतदाताओं को बच्चों के मुद्दों पर मतदान के लिए प्रेरित किया गया। बाल संवाद में बच्चों ने बाल घोषणापत्र पर चर्चा करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों को विकास के लिए ज़रूरी बताते हुए राजनीतिक दलों से उनपर काम करने की अपील की।
इस मौके पर रायु्स के भूपेंद्र त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि ज़िले में लश्रम और भिक्षावृत्ति के कारण जहां बच्चों को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा, वहीं कुपोषण के कारण उनका जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है।
बाल पंचायत से जुड़े बच्चों ने कहा कि वे अपने पैरेंट्स से बच्चों के विकास के लिए काम करने वाले को वोट देने की अपील करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय युवा संगठन द्वारा किया गया। संचालन का कार्य रोशलीन उरांव और शिवकांत ने किया।
बाल घोषणापत्र के मुद्दे
- बच्चों को सभी बीमारी से सुरक्षा और निःशुल्क इलाज मिले और बालश्रम पर पूर्णतः रोक हो।
- बच्चों से जुड़े स्वास्थ्य अमले , विशेषज्ञ की पर्याप्त व्यवस्था हो।
- सरकारी स्कूलों को बंद ना किया जाकर शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाने के लिए रखा जाए।
- नशा एवम बालिका असुरक्षा के खिलाफ अभियान चले।
- प्रत्येक जिले में बाल एवं बालिका गृह खोले जाएं उनमे काउंसलर एवं बेहतर पुनर्वास सुविधा हो।
बच्चों, युवाओं और महिलाओं के साथ किया जा रहा संवाद
मतदाता एवं राजनीतिक दल बच्चों के मुद्दे पर संवेदनशील हो और उनके मुद्दे अपने एजेंडे में प्राथमिकता से शामिल करें, इस उद्देश्य से बाल श्रम विरोधी अभियान (CACL) द्वारा ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के सहयोग से संस्था निवसीड बचपन द्वारा प्रदेश भर में बाल घोषणापत्र अभियान चलाया जा रहा है।
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