अब तक आपने आईएनएस विराट के बारे में तो सुन ही लिया होगा। हमारे प्रधानमंत्री ने अपने एक चुनावी भाषण के दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के हवाले से आईएनएस विराट का ज़िक्र किया, जिसके बाद देश में हलचल तेज़ हो गई और राजनीति गरमा गई।
चुनाव के समय इन बातों का ज़िक्र करना किसी पार्टी विशेष के लिए कितना लाभदायक हो सकता है, यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। अब कुछ बातें आईएनएस विराट के बारे में जानना ज़रूरी है।
आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का अहम पोत था। आईएनएस का पूरा नाम है इंडियन नेवल शिप। भारतीय नौसेना के हर जहाज़ के नाम के पहले और आईएनएस सहयाद्रि, आदि।
सबसे ज़्यादा समय तक सेवा देने वाला विमानवाहक पोत
आईएनएस विराट दुनिया में सबसे ज़्यादा समय तक सेवा देने वाला विमानवाहक पोत था। लंबे समय तक सेवा देने के कारण इसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ब्रिटेन की नौसेना (रॉयल नेवी) के नाम दर्ज़ था। रॉयल नेवी में इसने 1959 से 1984 तक अपनी सेवा दी।
अचानक बनाया गया मुद्दा
खैर, अब सवाल यह है कि आखिर इस चुनाव में आईएएनएस विराट अचानक मुद्दा कैसे बना? ध्यान देने वाली बात यह है कि काँग्रेस ने हमारे देश में लगभग 70 सालों तक राज किया है और इस अंतराल में देश में कुछ अच्छे और कुछ बुरे कार्य हुए हैं। कुछ ऐसे भी कार्य हुए हैं जिनकी जानकारी आम जनता से या तो राजनीतिक लाभ के लिए या जानबूझ कर छिपाई गई।
इसके बावजूद भी कुछ बातें तो राजनीतिक पंडितों को पता चल ही जाती हैं और वे यह भी जानते हैं कि इन बातों का कहां और कब इस्तेमाल करना है। पीएम मोदी ने कहा कि राजीव गाँधी ने आईएनएस विराट को निजी टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था। इस बात में कितनी सच्चाई है यह पड़ताल करना भी ज़रूरी है क्योंकि चुनाव के समय कुछ बातें जुमला भी साबित हो जाती हैं।
यह किस्सा जनना ज़रूरी है
बात उन दिनों की है जब राजीव गाँधी, उनका परिवार और उनके कुछ चहेते मित्रगण 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए एक बेहद खूबसूरत द्वीप पर गए थे। राजीव गाँधी के मित्रों में अमिताभ बच्चन और उनका परिवार भी शामिल था। ये लोग दक्षिण भारत में कोचीन से 465 किलोमीटर पश्चिम की ओर लक्षद्वीप के पास स्थित एक बेहद खूबसूरत द्वीप ‘बंगाराम’ पर गए थे।
यह पूरा द्वीप निर्जन है। 0.5 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैले इस द्वीप का चयन सोच-समझकर किया गया था। गाँधी परिवार के इस गोपनीय दौरे को मीडिया से छिपाने की भरपूर कोशिश की गई थी फिर भी मीडिया को इसकी भनक लग गई थी। इस दौरान खबरें आई थी कि भारत के प्रमुख युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल गाँधी परिवार को द्वीप पर ले जाने के लिए हुआ है।

आईएनएस विराट को पूरे 10 दिनों के लिए अरब सागर में तैनात किया गया। कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने राजीव गाँधी की छुट्टियों में नौसेना के इस्तेमाल करने पर सवाल भी उठाया था। बताया जाता है कि पूरी छुट्टियों के दौरान अगत्ती में स्पेशल सेटेलाइट का सेटअप भी लगाया गया था।
मैंने जहां तक जानकारी इकट्ठी की है उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों में सच्चाई का प्रतिशत अधिक है। प्रधानमंत्री द्वारा नामदारों को भ्रष्ट कहना कहीं ना कहीं सही है। राजीव गाँधी ने देश के युद्ध पोत का निजी इस्तेमाल करके देश की गरिमा को ठेस पहुंचाया है, जो माफी योग्य बात नहीं है।
अगर आग लगी है तो ज़ाहिर सी बात है कि इसकी चिंगारी बहुत दूर तक जाएगी। अब समझने वाली बात यह है कि इस मामले का पूरा फायदा भाजपा को मिलने वाला है क्योंकि मोदी जी ने इस बात को चुनाव के समय उछाला है।
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