Quantcast
Channel: Politics – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 8261

क्या क्षेत्रीय पार्टियां फिर कभी उभर पाएंगी?

$
0
0

सभी ‘पुरोधा’ अपनी-अपनी कुर्सी खाली कर दें और अपने बीच के उस कार्यकर्ता को मौका दें जिसे वे (पुरोधा) सालों से दरी और झंडा उठाते देख रहें हैं। उन्हें यह अंदाज़ा तो है ही कि इन कार्यकर्ताओं की प्रतिभा माइक पकड़ने की है।

90 के दशक से पहले भारत की राजनीति डॉमिनेंट पार्टी सिस्टम मेजॉरिटी गवर्नमेंट की तर्ज़ पर चल रही थी। एकमुश्त बहुमत और संवैधानिक संस्थाओं का मनमाफिक उपयोग। 90 का दशक आया और सब बदल गया, जिसे ‘सेकंड डेमोक्रेटिक अपसर्ज’ कहा गया है।

प्रदेश में सपा, आरजेडी, जेडीयू और डीएमके जैसी क्षेत्रीय पार्टियां उभरी और केंद्र में गठबंधन की सरकार आई। डॉमिनेंट पार्टी सिस्टम को मल्टी पार्टी सिस्टम ने रिप्लेस कर दिया।

इसी दौर में टी एन. शेषण चुनाव आयुक्त हुए। शेषण सफल हुए सिर्फ अपने दम पर ही नहीं, वह सफल हुए क्योंकि केंद्र में गठबंधन की सरकार और प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियां थीं। यह सिर्फ ‘शेषण इफेक्ट’ नहीं था, बल्कि कुछ पॉलिटिकल साइंटिस्ट इसे मैन+मूवमेंट लिखते हैं।

मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखकर ऐसा लगता है जैसे समय फिर दो दशक पीछे है। मल्टी पार्टी सिस्टम को डॉमिनेंट पार्टी सिस्टम ने रिप्लेस किया है। अब काँग्रेस की जगह बीजेपी है।

मायावती, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और उपेन्द्र कुशवाहा
मायावती, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और उपेन्द्र कुशवाहा। फोटो साभार: Getty Images

डॉमिनेंट पार्टी सिस्टम का मल्टी पार्टी सिस्टम में स्थानांतरण के लिए प्रदेश की पार्टियों को फिर से उभरना होगा। खास तौर से यूपी और बिहार में। खैर, हम उस वक्त ज़रूर उभरते हैं जब हम अपने अतीत से सीख लेते हैं।

‘सेकंड डेमोक्रेटिक अपसर्ज’ यानि कि बहुजनों का निर्वाचन प्रणाली में प्रतिनिधित्व। इस बार ‘थर्ड डेमोक्रेटिक अप्सर्ज’ की ज़रूरत है, जिससे बहुजनों का प्रतिनिधित्व हो ‘परिवार’ का नहीं।

भारतीय राजनीतिक इतिहास ही हमें यह सिखाती है कि हवा का रुख कभी एक जैसा नहीं रहा है। 400 पार वाली पार्टी किनारे कर दी गई लेकिन आने वाले वक्त में यह फिर बदलेगा।

The post क्या क्षेत्रीय पार्टियां फिर कभी उभर पाएंगी? appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 8261

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>