डॉक्टर और मरीज़ के बीच में सबसे ज़्यादा खराब हालत उन परिजनों की होती है, जो दो तीन चिंताओं से ग्रस्त होते हैं। पहली चिंता अपने मरीज़ को बेहतरीन जगह ले जाकर इलाज कराने की, जिससे उसे बचाया जा सके। दूसरी कि उस इलाज में होने वाले खर्च का इंतज़ाम कहां से होगा? तीसरा अगर उसने इलाज के लिए कर्ज़ लिए हैं, तो वह पैसे कैसे वापस किए जाएं? मतलब अंततः वह भी मरीज़ बन चुका होता है, अपने मरीज़ के साथ-साथ। इन सभी...
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