देश के आज़ाद होने के 53 साल बाद तक किसी भी सरकार ने सूचना का अधिकार लाने की पहल नहीं की थी। 1975 के बाद अलग-अलग मुकदमों में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सूचना का अधिकार एक मूलभूत अधिकार है, इसको लेकर कानून बनाया जाए। 2002 में वाजपयी सरकार ने कानून तो पास किया लेकिन इसे लागू नहीं किया। फिर 2005 में मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में इस कानून को पास भी किया गया और लागू भी। सूचना के अधिकार के लिए...
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