यह पिछली शताब्दी का तीसरा दशक रहा होगा जब तमिलनाडु के वेल्लूर ज़िले की एक दलित महिला, जो मज़दूर थी ने अपने किस्म का एक अनूठा विरोध किया। उसके गाँव में ऊंची जाति के भूस्वामियों के इलाके से गुज़रते वक्त दलितों को अपने चप्पल अपने हाथ में लेने पड़ते थे। उसका घर नदी के पास था और कहीं भी जाने के लिए उसे ऊंची जाति के भूस्वामियों के इलाके से गुज़रना पड़ता था। वह देखती कि उसके आस-पास के लोग वहां से गुज़रते...
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