मन चंगा तो कठौती में गंगा यह एक ऐसी बात है जो देश के हर नागरिक के ज़ुबान पर होती है। फिर चाहे वह नागरिक हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, इसाई हो, दलित हो या सवर्ण हो। समाज को इस उक्ति ने बहुत सीख दी और इस सीख को देने वाले थे, संत रविदास। इस लिहाज़ से वे देश के सर्वमान्य महापुरुष थे। ऐसी मान्यता है कि 15 वीं सदी में जब संत रविदास बनारस से पंजाब की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने इस स्थान पर विश्राम किया था।
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