सियासत में इस पार्टी के नेता का उस पार्टी में विलय होना लगा रहता है और अब यह आम बात हो गई है। सोचिए एक विचारधारा से दूसरे विचारधारा में शामिल होना कितना मुश्किल होता होगा? और तो और नेता पार्टी बदलकर उसी पार्टी में चले जाते हैं, जिसका कल वह विरोध करते थे। पार्टी बदलने के संदर्भ में अगर इनसे बात हो तो इनके पास तर्क के नाम पर घिसे-पिटे कुछ जवाब होते हैं, जैसे कि पार्टी सही नहीं थी, भ्रष्टाचार बहुत...
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