राजनीति’ यह शब्द सुनते ही आपके ज़ेहन में सबसे पहला ख्याल क्या आता है? भ्रष्टाचार, वंशवाद, गुंडागर्दी या कुछ और? आखिर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में राजनीति में आना ‘मुश्किल’ क्यों है? वास्तविकता तो यही है कि विश्व के सबसे युवा देश की संसद आज़ादी के बाद से साल दर साल बूढ़ी होती चली जा रही है। जहां आज़ादी के बाद 1952 में संसद में 26 प्रतिशत 40 वर्ष से कम उम्र के सांसद थे, तो वहीं...
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