11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने कहा था, मुझे ऐसे राष्ट्र पर गर्व है, जिसने सभी धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के शरणार्थियों और शरणार्थियों को शरण दी है। स्वामी विवेकानंद का एक नाम नरेन्द्र भी था, लेकिन अब हम एक दूसरे नरेन्द्र के दौर में जी रहे हैं, जहां सभी धर्मों को आश्रय देना अब शाायद कोई गर्व...
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