ज़रूरी नहीं है कि रवायतों, तहज़ीबों या संस्कारों पर तभी अमल किया जाए जब वे काग़ज़ों पर लिखित रूप में मौजूद हों। कभी-कभी बुद्धि का सामान्यतः प्रयोग करके और बिना काग़ज़ी दलीलों के भी उन पर अमल किया जा सकता है क्योंकि तहज़ीब ही किसी विचारधारा की आत्मा होती है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(AMU) पूरी दुनिया में अपनी संस्कारों की वजह से जाना जाता है। AMU की अपनी विचारधारा है यहाँ के छात्रसंघ को भी बाकी विश्वविद्यालयों के छात्रसंघों से अलग माना जाता है क्योंकि यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक होता है। लेकिन संस्कार, सभ्यताएँ और तहज़ीब जब अपने लोग ही तोड़ते हैं तो बाहरी ख़तरे बढ़ जाते हैं।
ख़बर यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष ‘फैज़ुल हसन’ और सचिव ‘नबील उस्मानी’ ने दिनाँक 9/02/2017 को अलीगढ़ के होटल पाम ट्री में एक प्रेस वार्ता कर मुस्लिम मतदाताओं से बहुजन समाज पार्टी को वोट करने की अपील की है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पदाधिकारी ने पद पर रहते हुए किसी राजनीतिक दल का समर्थन किया है। इससे पहले भी छात्रसंघ अध्यक्ष अलीगढ़ कोल विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हाजी ज़मीरूल्लाह के समर्थन में प्रचार करते हुए नज़र आए थे।
उन्होंने कहा कि “बहुजन समाज पार्टी इकलौती ऐसी पार्टी है जो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों पर खड़ी है और अल्पसंख्यकों, कमजोरों व पिछड़ों के लिए संघर्षरत है।”
सचिव नबील उस्मानी ने कहा कि “बहुजन समाज पार्टी वर्तमान समय की ज़रूरत है। आज कुछ विशेष विचारधाराओं को छात्रों पर थोपा जा रहा है और जिसके परिणाम रोहित वेमुला और नजीब अहमद के रूप में हमारे सामने हैं। समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधाराओं पर चलती है, अतः उसे सत्ता से बाहर करना चाहिए।”
लेकिन उपाध्यक्ष ‘नदीम अंसारी’ इन दोनों पदाधिकारियों से बिल्कुल सहमत नज़र नहीं आ रहे हैं। इन बयानों की कठोर शब्दों में आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ का इतिहास रहा है कि उसने कभी किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किया है। हमें कोई आपत्ति नहीं है अगर अध्यक्ष और सचिव महोदय निजी रूप से किसी का समर्थन करते हैं। लेकिन अगर वे किसी राजनीतिक दल का समर्थन छात्रसंघ का नाम लेकर करेंगे तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं इस फैसले के खिलाफ हूँ और जल्द ही छात्रों के साथ बातचीत करूँगा।” उपाध्यक्ष ‘नदीम अंसारी’ ने अध्यक्ष व सचिव महोदय से इस्तीफे की मांग भी की।
फिलहाल दोनों पक्षों में ज़ुबानी जंग छिड़ी हुई है। सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाता जा रहा है। छात्रसंघ के कैबिनेट सदस्य भी दो खेमों में बँट गये हैं। देखने वाली बात होगी कि अपनी सफाई में अध्यक्ष और सचिव महोदय क्या कहते हैं और उपाध्यक्ष महोदय उस पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
हालांकि छात्रसंघ की ओर से सफाई में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ये फैज़ुल हसन और नबील उस्मानी का निजी फैसला था और छात्रसंघ इससे कोई इत्तफाक नहीं रखता।
The post AMU छात्रसंघ का यूपी के मुसलमानों को संदेश, ‘BSP को दें वोट’ appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.