Quantcast
Channel: Politics – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 8248

“सीजी पीएससी के नियम और सिलेबस में बदलाव छात्रों के साथ धोखा है”

$
0
0

छत्तीसगढ़ की राज्य सेवा परीक्षा में बड़ी गड़बड़ियां हैं जो राज्य बनने के बाद से आज तक बरकरार है। शुरुआत से ही लोक सेवा आयोग में आन्तरिक अनियमितताएं थीं जिस कारण नियमित परीक्षा और समय से भर्ती का काम नहीं हो पा रहा था। आयोग ने परीक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम की समस्या को दूर करने के लिए जो कुछ कदम उठाये हैं वह भी राजनैतिक आधार पर लिए गए प्रतीत होते हैं। साल 2012 में आयोग ने एक समिति बनाई जिसने छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा के सिलेबस और नियमों में बड़े बदलाव किये। साल 2012 के बाद से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) इन्हीं अतार्किक और राजनीतिक तौर पर किये गए बदलावों के आधार पर परिक्षाएं आयोजित कर रही है। इनमें अनेक कमियां हैं जो कई बड़े सवालिया निशान खड़े करते हैं।

“इनमें से कोई नहीं” वाला ऑप्शन गैरज़रूरी

देश की किसी परीक्षा में ऐसा नहीं होता कि हर सवाल के जवाब में एक उत्तर “इनमें से कोई नहीं” हो। आयोग द्वारा अपनी कमियों को छुपाने के लिए ऐसा विचित्र पैटर्न बनाया गया है। समस्या यह भी है कि आयोग द्वारा हर साल बिना सिर पांव के सवाल पूछ लिए जाते हैं।  जिन सवालों का सही जवाब और विश्वसनीय आधार खुद आयोग को भी पता नहीं होता। छात्र ऐसे सवालों पर आपत्ति करते और आयोग के लिए यही समस्या बन जाती है।

‘प्री’ रिज़ल्ट के तुरन्त बाद OMR शीट ऑनलाइन उपलब्ध नहीं

प्रारंभिक परीक्षा के रिज़ल्ट को लेकर हमेशा छात्रों में असंतोष रहता है। कई वर्ष दावा किए जाने पर आयोग द्वारा कई प्रश्न हटाए जाते हैं और कुछ को “इनमें से कोई नहीं” पांचवें विकल्प की आड़ में सही भी मान लिया जाता है। अंत में आयोग कुल कितने सवालों को सही मानकर प्रारंभिक परीक्षा का रिजिल्ट घोषित करती है इसकी स्पष्ट जानकारी छात्रों को नहीं मिल पाती। छात्र का OMR शीट भी उन्हें एक साल बाद मिलता है तब तक पूरा साल खराब हो चुका होता है। पूरी परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और दोषमुक्त बनाने के लिए सुधार अावश्यक है।

मुख्य परीक्षा में केमेस्ट्री, फिज़िक्स और बायोलॉजी का प्रश्न पत्र नहीं

आयोग ने ऐसा क्यों किया इसे समझने के लिए RTI लगाकर साल 2012 में बनाई गई समिति’ के रेकमेंडेशन और संबंधित दस्तावेजं की मांग की गई थी। आयोग द्वारा इसे अत्यंत गोपनीय प्रकार की सूचना बताकर देने से मना कर दिया गया। इन प्रश्न पत्रों को ‘सीजी पीएससी’ में पूछे जाने का कोई तार्किक आधार नहीं है बल्कि ऐसा करने से परीक्षा प्रणाली तठस्थ नहीं रह जाती है। इसके साथ ही राज्य सेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारी के काम-काज से भी इन विषयों का कोई सम्बन्ध नहीं है। ऐसे में पाठ्यक्रम में इनको क्यों रखा गया? इन विषयों को शामिल करना समिति की योग्यता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

मुख्य परीक्षा में 200 अंक का गणित क्यों?

किसी परीक्षा में कौन सा विषय होना चाहिए और कौन सा नहीं इसे तय करने के आधार होते हैं। मुख्य रूप से देखें तो उस पद पर योग्य तरीके से कार्य करने के लिए जिन योग्यताओं की ज़रूरत होती है उनको आधार बनाकर पाठ्यक्रम तय किये जाते हैं। सीजी पीएससी के अभ्यर्थी से गणित ‘निर्देशांक ज्यामिति’ और ‘कंप्यूटर-एल्गोरिथम’ जैसे सवाल पूछा जाना अतार्किक है। इनकी जगह ऐसे विषय होने चाहिए जो व्यक्ति में निर्णय क्षमता को बढ़ाते हों।

 1400 अंकों की मुख्य परीक्षा में ‘भारतीय संविधान’ से महज़ 40 अंक

एक अधिकारी को जिन विषयों के ज्ञान की सबसे ज़्यादा ज़रुरत होती है उनका महत्व ज़्यादा होना चाहिए। देश संविधान से चलता है और नागरिकों को उनके अधिकार संविधान से मिले हैं। यदि एक नागरिक और अधिकारी तंत्र को ही इसका बेहतर ज्ञान नहीं होगा तब वह भारतीय समाज में जेंडर और जाति जैसे भेदभाव से उपर उठकर कार्य करना कैसे सीखेगा। यह पूरा पैटर्न सरकार की मंशा पर भी कई सवाल खड़े करता है।

मध्यकालीन इतिहास का अधिकांश भाग पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं

इसका कारण भी संभवतः राजनैतिक है। देश के अधिकांश बीजेपी शासित राज्यों की लोक सेवा परीक्षा में मध्यकालीन इतिहास पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होता है। यदि हुआ भी तो केवल भक्ति काल और विजय नगर साम्राज्य के टॉपिक्स होते हैं। यह कितना खतरनाक है कि राज्य अपने नागरिकों को इतिहास का एक पूरा हिस्सा पढ़ाना ही नहीं चाहता है। इन्हीं सब वजहों से समाज में अतार्किक धार्मिक विवादों का प्रसार सरल होता है।

क्यों छत्तीसगढ़ राज्य सेवा आयोग UPSC के पैटर्न पर आधारित नहीं?

देश के कई राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात के सेवा आयोग ने अपनी परीक्षा प्रणाली में UPSC के पैटर्न के आधार पर बदलाव किया है जिसके कारण इनके छात्र राज्य सेवा आयोग के साथ-साथ ही लोक सेवा आयोग की भी तैयारी कर सकते हैं और इन राज्यों के छात्रों का प्रतिनिधित्व अखिल भारतीय सेवाओं में बढ़ा है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को भी छत्तीसगढ़ के विषयों को प्राथमिकता में रखते हुए UPSC के आधार पर बदलाव करने चाहिए थे। जो आज तक नहीं हुए हैं जिसका खामियाजा राज्य के छात्रों को कई सालों से हो रहा है।

मुख्य सवाल है कि राज्य सरकार ने ऐसे बदलाव क्यों होने दिए? इसको समझना होगा कि पाठ्यक्रम के स्तर पर ही इतनी अनियमितताओं को अभी तक क्यों चलने दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने 2012 में सीजी पीएस की परीक्षा को संभवतः खास तरीके से राज्य में बढ़ रही बेरोज़गारी को ध्यान में रखकर बदलवाया, क्योंकि पिछले 15 सालों में छत्तीसगढ़ में सरकार और निजी क्षेत्रों की सांठ-गांठ से मानकों को ताक पर रखकर 50 से ज़्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए।

इन कॉलेजों से निकलने वाले गणित और विज्ञान संकाय के अधिकांश छात्रों को सरकार नौकरी दे पाने में असफल रही। इसलिए इन छात्रों को उलझाये रखने के लिए परीक्षा का पैटर्न बदलवा दिया गया।

ऐसा करने से सभी स्ट्रीम के छात्रों को यह भ्रम हुआ कि उनका चयन हो जायेगा, क्योंकि सिलेबस का एक हिस्सा उनके विषय का है। जिसके बाद लाखों विज्ञान संकाय के छात्र और बेरोज़गार इंजिनीयर्स भी 200-300 पद वाली राज्य लोक सेवा की तैयारी में लग गए और सरकार से अपने क्षेत्र की नौकरी मांगने की आवाज़ कोचिंग सेंटर्स में गुम हो गयी।

छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 20 लाख पंजीकृत बेरोज़गार है। यह आंकड़ा गैर पंजीकृत बेरोज़गारों के लिए भी इतना ही है। अब ये युवा सरकार से रोज़गार को लेकर सवाल नहीं पूछते। यह भी नहीं पूछा जाता कि 15 सालों में राज्य के अंदर कोर इंजीनियरिंग सेक्टर के जॉब्स पैदा क्यों नहीं हुए? क्यों राज्य में IT सेक्टर का विकास नहीं हुआ? क्यों मैकेनिकल,रोबोटिक्स, इलेक्ट्रीकल और अलग-अलग विषयों के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए राज्य में नौकरियां नहीं है?

उम्मीद है उभरते छात्र आंदोलनों को देखते हुए सरकार इस वर्ष कुछ महीने के लिए परीक्षा रोककर नई समिति बनाये और प्रशासनिक सेवा के अनुकूल पाठक्रम बनाकर छत्तीसगढ़ राज्य की आम जनता और छात्रों के साथ न्याय करेगी।

The post “सीजी पीएससी के नियम और सिलेबस में बदलाव छात्रों के साथ धोखा है” appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 8248

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>