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“मस्जिद के पास हुई आतंकी घटना पर न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री का बयान सराहनीय है”

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शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिदों में 49 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हमले के पीछे जो शख्स था, उसकी पहचान भी कर ली गई है। आरोपी की उम्र 28 वर्ष बताई जा रही है और उसका नाम ब्रेंटन टैरंट है।

आरोपी ने इस पूरे हमले की लाइव स्ट्रीमिंग भी की, यह कहते हुए, “चलो पार्टी शुरू करते हैं।” हमले के एक दिन पहले उसने एक पोस्ट के ज़रिये अपनी मंशा बता दी थी कि वह क्या करने वाला है।

इतना ही नहीं, उसने 17 पेज का एक मैनिफेस्टो भी लिखा है, जिसका शीर्षक है- द ग्रेट रिप्लेसमेंट, यानि महान बदलाव। इस हमले के बाद वह कई सवाल छोड़ गया जो दुनियाभर के लीडर्स को सोचने होंगे।

टैरंट ऐंटी-इमिग्रेशन और अति-दक्षिणपंथी समूहों का सदस्य भी रह चुका है। उसने दावा किया है कि वह नॉर्वे के आतंकी एंडर्स बहरिंग ब्रीवीक के साथ भी संपर्क में रहा था।

बता दें, ब्रीवीक ने 2011 में नार्वे के उटोया द्वीप पर हमला किया था, जिसमें 69 लोग उसके हाथो मारे गए थे। इसके बाद उसने ओस्लो में कार बम के ज़रिये 8 अन्य लोगों को मारा था। इसके अलावा, टैरंट ने खुद को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का समर्थक बताया है, जो उसके मुताबिक ‘श्वेत पहचान और साझा उद्देश्य के प्रतीक’ हैं और उसने यह भी साफ किया कि उन दोनों का उद्देश्य भी एक है।

टैरंट ने दावा किया है कि वह पहले कम्युनिस्ट हुआ करता था और बाद में अराजकतावादी बन गया। अब वह खुद को ‘इको-फासिस्ट’ बता रहा है। यह हमला एक आतंकवादी हमला तो था ही लेकिन इस हमले के बाद यह बात तो समझ में आ गई कि दुनिया कभी भी मुसलमानों को नहीं अपनाएगी।

इन सभी के लिए पूरी दुनिया में नफरत का माहौल बन गया है। पूरी दुनिया अब फासीवाद और नाजीवाद से घिरती नज़र आ रही है, जो कि वाकई खतरे की घंटी है। भारत में भी जिस तरीके से पिछले 5 सालों में फासीवाद बढ़ रहा है और मुस्लमानों की हत्याएं की जा रही हैं, यानि किसी एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है।

टैरेंट के जैसे ही भारत में शंभू लाल रैगर ने एक वीडियो जारी किया था और बाद मे एक मुस्लिम मज़दूर की बेरहमी से हत्या कर दी। वीडियो में उसने मुस्लमानों को टारगेट करते हुए उन्हें जिहादी कहा व आतंकवादी भी घोषित किया।

उस जैसे लोगों की संख्या हज़ारों-लाखों में है। ज़ुर्म किया ही नहीं जा रहा बल्कि छाती पीटकर इसे सही बताया जा रहा है। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जाती है और सोशल मीडिया पर जश्न मनाया जाता है। कितना भयावह होता जा रहा है डिजिटल मीडिया।

Jacinda Ardern
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न।

भारत में पुलवामा हमला हुआ तो प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया लेकिन न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जो कुछ बोला, वह सराहनीय है। जैसिंडा अर्डर्न कहती हैं कि यह मुल्क मुस्लमानों का भी है और न्यूज़ीलैंड सरकार उनके साथ है।

एक तरफ दुनिया जहां युद्ध की बात कर रही है, वहीं उन्होंने कहा कि वह बंदूक के कानून में बदलाव लाएंगी। यह हमला बता कर चला गया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन धर्म का अतिवाद आतंकवाद है। किसी भी धमाके का ज़िम्मेदार मुस्लमान को मानना बंद करें।

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