मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि कूटनीति में पाकिस्तान का कोई जवाब नहीं है। वह 1965 की लड़ाई मैदान में हार जाता है लेकिन बातचीत की मेज़ पर जीत जाता है। इन सबके बीच हमारे प्रधानमंत्री बेहद संदेहास्पद परिस्थितियों में मृत पाए जाते हैं।
इसी तरह से पाकिस्तान 1971 की लड़ाई भी हार जाता है लेकिन एक बार फिर से बातचीत की मेज़ पर जीत उसी की होती है। 1999 में विमान का अपहरण होता है, जहां बातचीत में मध्यस्थ भी पाकिस्तान ही होता है और पाकिस्तान के आतंकवादी को छोड़ दिया जाता है।
मुझे याद है कि कारगिल की लड़ाई के समय वाजपेयी जी की सरकार ने एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें चीन की यात्रा पर गए पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री से फोन पर बात करते हैं। नवाज़ शरीफ कहते हैं, “भारत आरोप लगा रहा है कि हमने घुसपैठ की है और उसकी चोटियों पर कब्ज़ा जमा लिया है।” तब मुशर्रफ कहते हैं, “आप ऐसे क्यों नहीं कहते कि वे पाकिस्तानी सैनिक नहीं हैं बल्कि मुजाहिद्दीन हैं।”

इन दिनों जब भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तब उसी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बयान दिया है कि भारत में अगर नरेन्द्र मोदी चुनाव जीत जाते हैं तो सबसे ज़्यादा खुशी उन्हें होगी। हद तो यह है कि हमारे कुछ राजनेता इस बयान को बहुत तूल दे रहे हैं।
इसी बीच बालाकोट एयर स्ट्राइक के 43 दिनों के बाद पश्चिमी पत्रकारों को उस मदरसे की यात्रा करवाई गई है, जिस पर भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को हमला किया था। पत्रकारों को चुनिंदा स्थानों तक ही ले जाया गया और किसी से बात तक नहीं करने दी गई, जबकि पाकिस्तान ने हमले के अगले ही दिन कहा था कि वह पत्रकारों को उसी दिन वहां ले जाएगा। इस बीच जब रायटर के संवाददाता कई हफ्ते बाद वहां पहुंचे तो उनको भगा दिया गया।
अब सवाल यह उठता है कि अगर हमला हुआ ही नहीं तो पाकिस्तान को पत्रकारों को वहां ले जाने में 43 दिन क्यों लगे और मीडिया को वहां पढ़ रहे बच्चों से बात क्यों नहीं करने दिया गया? क्या इमरान खान के पास इन सवालों के जवाब हैं?
इमरान खान ने कहा है कि अगर नरेंद्र मोदी जीतते हैं तो कश्मीर समस्या हल करना आसान होगा। सच्चाई तो यह है कि जहां एक तरफ पाकिस्तान मोदी से बातचीत करने को बेचैन है, वहीं मोदी तो कश्मीर के मामले में पाकिस्तान को फरीक मानते ही नहीं हैं। मोदी तो कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला मानते हैं।
यह ज़रूर है कि नरेंद्र मोदी की वापसी के बाद कश्मीर समस्या हल हो जाएगी। यह बहुत हद तक संभव है कि नरेंद्र मोदी पाकिस्तान और कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करके कश्मीर समस्या हल कर देंगे।
The post नरेन्द्र मोदी को फिर से PM बनते क्यों देखना चाहते हैं इमरान खान? appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.