भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद का सदन चल रहा था। सांसद गण माननीय राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर रहे थे। पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से शब्दों के तीर छोड़े जा रहे थे। इस बीच विपक्ष की तरफ से कमान संभाले कॉंग्रेसी सांसद अधीर रंजन चौधरी केंद्रीय मंत्री सारंगी जी का जवाब देने के चक्कर में मर्यादा की सारी सीमा लांघ गए। सांरगी जी द्वारा प्रधानमंत्री जी की विवेकानन्द से तुलना वाले बयान...
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