Quantcast
Channel: Politics – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 8261

बी के बंसल की मौत क्या बहस लायक मुद्दा नहीं है?

$
0
0

डॉ॰ नितिन मिश्र:

अभी हाल ही में देश की सर्वोच्च जाँच एजेन्सी द्वारा कारपोरेट अफेयर्स के डीजी बी के बंसल को 20 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद उनके आत्महत्या के मामले ने सर्वोच्च जाँच एजेन्सी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वैसे तो दशकों से सीबीआई के खौफ का कहीं भी अता-पता नहीं था लेकिन आईएएस अधिकारी बंसल के मामले से सीबीआई ने फिर से वर्षों बाद वापसी की। देश के कई बड़े राजनीतिक घरानों पर सीबीआई की जाँच बैठी हुई है। परन्तु लगता है कि आज तक कोई भी राजनीतिक सख्सियत सीबीआई के इस टार्चर रूम से नहीं गुज़री। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिजड़े में बंद तोता कही जाने वाली यह एजेन्सी अचानक बाज़ की तरह से कैसे एक 20 लाख के रिश्वत के आरोपी पर टूट पड़ी और कैसे इस बाज़ के पंजो से बिना कोई बिज़निस या नौकरी किये हज़ारों करोड़ के मालिक ये राजघराने बच निकले।

बीके बंसल के सुसाइड नोट के आने के बाद मीडिया हाउस भी अधिक उत्साहित नहीं दिखा। क्योंकि सीबीआई तो कभी आधिकारिक रूप से मीडिया से तू-तू, मैं-मैं करती नहीं है। तो आखिर लोकतंत्र का यह चौथा स्तम्भ कैसे बयानों की राजनीति करे। छोटी-छोटी बातों पर विपक्ष की राय जानने वाली मीडिया आज एक भरे-पूरे परिवार की समाप्ति पर भी क्यों किसी राजनेता की राय लेने नहीं पहुँची। आज देश में खबरें तो तभी बनती हैं, जब कोई राजनेता उस खबर पर कोई ऊट-पटांग बयान न दे और मीडिया भी उस बयान पर विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता से उस बयान की काट न प्राप्त कर ले।

कुछ अखबारों के हवाले से यह भी पता चला है कि बंसल और उनके पुत्र योगेश के सुसाइड नोट के मिलने के बाद सीबीआई ने आनन-फानन में जाँच भी बैठा दी है। लेकिन दिन-रात एक दूसरे के साथ लंच-डिनर और पार्टी करने वाले साथी कैसे अपने ही मित्रों के खिलाफ निष्पक्ष जाँच को अंजाम दे पायेंगे। बंसल के परिवार में तो अब कोई बचा नहीं, सीबीआई खुद अपनी जाँच कर ही रही है और सीबीआई से ऊपर देश में कोई जाँच एजेन्सी तो है नहीं जिससे देश के लोग कोई उम्मीद रख पाते। मीडिया को भी आज-कल सर्जीकल अटैक नामक ग्रंथ मिल गया है जिसकी प्रशंसा का पुलिंदा बहुत ही भारी है, तो अब रही देश की आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट, जिसके मामले को स्वतः संज्ञान लेने की उम्मीद अभी भी बाकी है !

    

The post बी के बंसल की मौत क्या बहस लायक मुद्दा नहीं है? appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 8261


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>